Cattle Feed Unit:प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना (रीपा) (Cattle Feed Unit) अपने उद्देश्य में सफल साबित हो रही है। युवा उद्यमियों को अवसर तथा रोजगार उपलब्ध कराने और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने शासन द्वारा शुरू की गई इस पहल के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे है। नवाचारी आर्थिक गतिविधियों से जुड़कर युवाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है और रीपा एक बहुउद्देश्यीय केन्द्र बनकर उभर रहा है। प्रदेश में लगभग 300 रीपा केन्द्र स्थापित हो चुके हैं, जहां स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग कर रोजगार के अवसर सृजित किए जा रहे हैं।
बालोद जिले के बरही में स्थापित गोवर्धन कैटल फीड यूनिट सफलता के नए आयाम गढ़ रहा है। कैटल फीड यूनिट शुरुआती दौर से ही जिला प्रशासन के सतत मॉनिटरिंग एवं सहयोग के फलस्वरूप सरकारी एवं निजी डेयरी में अपने उच्च गुणवत्ता वाले पशु आहार का विक्रय कर लगातार मुनाफा कमा रही हैं। इसके साथ ही यहाँ कार्यरत लोगों के उचित प्रशिक्षण तथा इनके क्षमता निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. रेणुका श्रीवास्तव ने बताया कि गत 08 सितंबर को पशु आहार का उत्पादन करने वाले कामधेनु कैटल फीड यूनिट सहकारी समिति द्वारा तैयार 18 टन पशु आहार 04 लाख 50 हजार रुपये में बालोद सहित आस-पास के जिलों में बेचा गया। इससे स्वसहायता समूह को लगभग 35 हजार रुपए का लाभ अर्जित हुआ। उन्होंने बताया कि अब तक समूह नेे कुल 40 टन का पशु आहार को 10 लाख रुपये में बेचकर लगभग 75 हजार रूपये मुनाफा कमाया है। बरही में स्थापित यह कैटल फीड यूनिट पशुओं के पौष्टिक चारे की जरूरतो को पूरा करने के साथ-साथ ग्रामीणों एवं स्वसहायता समूह के लिए भी आय का महत्वपूर्ण जरिया बन गया है।
कामधेनु Cattle Feed Unit में सहकारी समिति के 11 सक्रिय सदस्य अपनी पूरी निष्ठा एवं लगन के साथ काम कर रहे हैं। कामधेनु कैटल फीड के माध्यम से अपने जीवन में आए बदलाव व समिति के सदस्य श्री दिग्विजय सिन्हा ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन की पहल से हमारे गाँव में स्थापित महात्मा रीपा बहुपयोगी साबित हो रहा है। इसके माध्यम से विभिन्न आजीविकामूलक गतिविधियों का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। इस कामधेनु कैटल फीड में समिति के सभी सदस्य बड़े ही उत्साह एवं रूचि के साथ कार्य कर रहे हैं। श्री दिग्विजय सिन्हा ने बताया कि साथ ही सामग्रियों की मांग की पूर्ति समय-सीमा में पूरा करने हेतु हम डबल शिफ्ट में कार्य करते हैं। वे सभी शासकीय संस्था के साथ-साथ निजी संस्थाओं एवं डेयरी संचालकों से निरंतर संपर्क कर मार्केटिंग का कार्य कर रहे हैं। जिससे व्यापार को विस्तार मिल रहा है।
महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क बरही के नोडल डॉ. अभिषेक मिश्रा ने बताया कि यहाँ गोट फीड, Cattle Feed Unit का निर्माण पोषक तत्वों का संतुलित मिश्रण कर बनवाया जा रहा है तथा विभिन्न संस्थाओं के मांग अनुसार फार्मूला तैयार किया जाता है। भविष्य में सुकर एवं मुर्गी फीड भी तैयार किया जाएगा जिसकी मार्केटिंग के विकल्प भी उपलब्ध है। समिति के सदस्य पूरी सक्रियता के साथ कार्य मे संलग्न है, इससे हम सभी इकाई स्थापना के बेहतर परिणाम हेतु आश्वस्त हैै। इस तरह से यह कामधेनु कैटल फीड इकाई राज्य शासन के मंशानुरूप पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन के साथ-साथ ग्रामीणों एवं स्वसहायता समूह को स्वरोजगार प्रदान करने का महत्वपूर्ण माध्यम बना।