दिल्ली: दिल्ली को शामिल करके देश के कई शहरों में प्याज की कीमतों (Onion Price Today) में तेजी की वजह से आम जनता को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली में प्याज की कीमतें रिटेल मार्केट्स में ऊंचाई छू गई हैं, जो खासकर गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को तंग कर रही हैं।
दिल्ली के रिटेल मार्केट्स में अच्छी क्वालिटी के प्याज का दाम प्रति किलो 90 रुपये तक पहुंच गया है, जबकि कुछ दिन पहले यह 80 रुपये किलो तक मिल रहा था। वहीं, प्याज की थोक में बिक्री कीमत 70 रुपये प्रति किलो तक हो रही है। इस महंगाई के पीछे की मुख्य वजह कर्नाटक और महाराष्ट्र में हुई देरी वाली बारिश का माना जा रहा है, जिसके कारण खरीफ की प्याज की बुआई में देर हुई है और नई प्याज की आपूर्ति मंडी में समय पर नहीं हो रही है।
सप्लाई में कमी का असर
दिल्ली के गाजीपुर मंडी में व्यापारी ने बताया कि प्याज के रेट 350 रुपये प्रति 5 किलो तक पहुंच गए हैं, जबकि कुछ दिन पहले ये 300 रुपये थे, और एक हफ्ते पहले ये करीब 200 रुपये प्रति किलो थे। सप्लाई में कमी की वजह से कीमतों में तेजी देखी जा रही है।
एक गाजीपुर मंडी में खरीदारी करने आए सब्जी विक्रेता ने कहा, “नवरात्रि से पहले प्याज का रेट 50 रुपये था, लेकिन अब ये 70 रुपये प्रति किलो हो गया है, हमें इसी दाम पर खरीदना पड़ रहा है। पहले ये दाम 30 से 40 रुपये प्रति किलो था।”
अन्य राज्यों में भी महंगाई
दिल्ली के साथ-साथ कर्नाटक और महाराष्ट्र में भी प्याज की कीमतों में इजाफा देखा जा रहा है। बेंगलुरु की यसवंतपुर एपीएमसी में प्याज 65 से 70 रुपये प्रति किलो मिल रहा है, जबकि महाराष्ट्र में भी करीब-करीब यही स्थिति देखने को मिल रही है।
खरीफ की प्याज की फसल दिसंबर तक
इस बढ़ती महंगाई के बावजूद, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि खरीफ की प्याज की फसल दिसंबर तक बाजार में आएगी, जिससे प्याज के दाम दिसंबर की शुरुआत तक ऊपरी स्तरों पर बने रह सकते हैं।
सरकार की कोशिशें
केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि जिन राज्यों में प्याज की कीमतों में तेजी देखने को मिली है, सरकार अब तक 1.7 लाख टन प्याज अपने बरफ में से 22 राज्यों के अलग-अलग स्थानों पर थोक और खुदरा बाजार में बेच चुकी है। सरकार की कदम से कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर महंगाई से जूझ रहे लोगों को अभी तक राहत नहीं मिली है