Success Story: Tilak Mehta, ने 17 साल की आयु में 100 करोड़ रुपये की कंपनी बनाई

Success Story: Tilak Mehta, ने 17 साल की आयु में 100 करोड़ रुपये की कंपनी बनाई
Tilak Mehta, जिनकी आज 17 साल की आयु है, एक ऐसे उद्यमी हैं जोने केवल 13 साल की आयु में ही बिजनेस की दुनिया में कदम रखा। उनकी कड़ी मेहनत और उनकी अद्वितीयता ने उन्हें आज एक करोड़ों रुपये की कंपनी के मालिक बना दिया है। तिलक ने छोटी सी उम्र में ही बड़े कारोबारी दृष्टिकोण से दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया है, और स्कूल जाने की उम्र में ही उन्होंने 200 से ज्यादा लोगों को रोजगार प्रदान करना शुरू कर दिया है। तिलक के जीवन की शुरुआत एक छोटी सी घटना ने की थी, जोने उन्हें बचपन में ही बिजनेस की दुनिया में कदम रखने के लिए प्रेरित किया।

मुंबई: जब से बचपन में ही स्कूल जाने वाले Tilak Mehta ने अपनी मेहनत और संघर्ष से दुनिया को चौंका दिया है। इस 17 साल के उद्यमी ने अपने बिजनेस के जरिए रोजगार का स्रोत बनाया और एक बड़ी कंपनी की स्थापना की है।

Tilak Mehta का बचपन से ही एक विचित्र रास्ता था। एक दिन, जब उनके पिता ने स्टेशनरी की खरीददारी के लिए उन्हें बाजार भेजा, तो उन्हें बहुत थकान महसूस हो रही थी। इस घड़ी में तिलक ने किताबों की होम डिलीवरी सेवा शुरू करने का आइडिया बनाया। इस आइडिया ने उनके जीवन को बदल दिया और उन्होंने इसे एक सफल व्यापार में बदल दिया।

2006 में गुजरात में जन्मे तिलक ने अपने पिताजी विशाल मेहता के साथ मिलकर “पेपर एन पार्सल” नामक कुरियर सेवा कंपनी शुरू की। इस कंपनी ने ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से शिपिंग और लॉजिस्टिक्स सेवाएं प्रदान करना अपना कार्यक्षेत्र बनाया है।

इस कंपनी ने एक बड़ी टीम को जुटाया है, जो हर दिन हजारों पार्सल डिलीवर करती है। तिलक मेहता के इस योजना ने 200 से ज्यादा लोगों को रोजगार देने का माध्यम बनाया है और कंपनी ने इसके जरिए समृद्धि की ऊँचाइयों को छूने में सफलता प्राप्त की है।

Tilak Mehta का यह कार्यक्षेत्र बनाने में उनके माता-पिता का सहयोग और बैंक के अधिकारी घनश्याम पारेख का योगदान था, जोने ने तिलक को उनके विचारों को पूरा करने के लिए आगे बढ़ने का मौका दिया। तिलक मेहता ने बताया कि उनका यह सफलता का सफर उनकी मेहनत, संघर्ष, और अद्वितीय आइडिया का परिणाम है।

तिलक मेहता की इस सफल कहानी ने दिखाया है कि उम्र का कोई भी मायने नहीं रखती जब बात मेहनत और सही दिशा में आइडिया की होती है। उनकी कहानी से हम सभी को यह सिखने को मिलता है कि सफलता का कोई सीमा नहीं होती, बस जज्बा और मेहनत होनी चाहिए।

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