Geranium Farming Business Idia:जिरेनियम (Geranium) के पौधे के उपयोग से किसान न केवल अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर रहे हैं, बल्कि वे भूमि की सुरक्षा और प्राकृतिक संसाधनों के साथ ही नए विपणन के अवसरों का भी लाभ उठा रहे हैं। जिरेनियम के पौधे की खेती (Geranium Farming)एक विकसनशील कदम है जो भारतीय कृषि को एक नई दिशा में ले जा रहा है।
यह पौधा न केवल उन्हें अच्छी खासी कमाई दिला सकता है, बल्कि इसके तेल के उपयोग से विभिन्न उत्पादों का निर्माण भी किया जा सकता है। हम इस लेख में जिरेनियम के पौधे की खेती (Geranium Farming)के फायदे और उसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करेंगे।
जिरेनियम: एक लाभकारी पौधा
जिरेनियम (Geranium)पौधे का वैज्ञानिक नाम “Coleus aromaticus” है, और यह एक सुगंधित पौधा है जिसे गरीबों का गुलाब भी कहा जाता है। इसके फूलों से निकला जाने वाला तेल विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोगी है।
जिरेनियम (Geranium)उपयोग
जिरेनियम के तेल में गुलाब जैसी खुशबू होती है, और इसलिए इसका उपयोग एरोमाथेरेपी, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, इत्र, और सुगंधित साबुन बनाने में होता है। इसके तेल का उपयोग अधिकतर सौंदर्य उत्पादों के निर्माण में किया जाता है, जिससे इसकी मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है।
खेती के लिए आदर्श जगह
जिरेनियम (Geranium Farming)के पौधों की खेती के लिए खास जगह की आवश्यकता नहीं होती है। इसके लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है, लेकिन यह पौधा कम नमी वाली हल्की जलवायु में भी अच्छी खेती कर सकता है। जिरेनियम के पौधों को बर्शानी की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए यह किसी भी परिस्थिति में उगाया जा सकता है।
जिरेनियम (Geranium Farming) निवेश और लाभ
इस पौधे की फसल(Geranium Farming) लगाने के लिए प्रारंभिक रूप में करीब 1 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है, लेकिन इसका तेल बाजार में करीब 20,000 रुपये प्रति लीटर तक बिकता है। जिरेनियम के पौधे 4 से 5 साल तक उत्पादन देते हैं, जिससे हर साल किसान लाखों रुपये कमा सकते हैं।
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