रायपुर दिनाँक 29.08.2023 बस्तर ब्लॉक, जिले के तारागांव में बसा एक छोटा सा गांव है, जहाँ की महिलाएं अब अपने परिवारों को आर्थिक रूप से सहायता पहुंचाने के लिए स्वावलंबी बन रही हैं। सोमारी मौर्य एक गरीब परिवार से हैं, जिन्होंने अपने गांव में ही मिनी राईस मिल खोलकर अपने सपनों को हकीकत बनाया है।
सोमारी मौर्य ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने स्वावलंबी ग्रामीण आजीविका मिशन की मदद से मिनी राईस मिल खोलकर गांव के लोगों की आर्थिक स्थिति को सुधारने का साहस किया है। उन्होंने यह भी बताया कि वे समूह से होने वाले लाभ के बारे में जानकारी प्राप्त करके और छोटे-छोटे ऋण लेकर समय पर चुका देने के साथ-साथ, अपनी आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने में ध्यान देने लगी हैं।
उन्होंने इसके लिए बैंक लिंकेज की सहायता भी ली, जिससे कि वे गांव में ही मिनी राईस मिल स्थापित करके ग्रामीणों को धान मिलिंग की सुविधा प्रदान कर सकें। सोमारी ने यह भी बताया कि स्व सहायता समूहों के क्लस्टर बैठक के दौरान वे अपने विचारों को साझा करती हैं और समीपवर्ती गांवों के ग्रामीणों की जरूरतों के आधार पर मिनी राईस मिल स्थापित करने के लिए मार्गदर्शन भी प्राप्त करती हैं।
सोमारी ने इस क्षेत्र में कार्रवाई करने के लिए समूह के बैंक लिंकेज के माध्यम से 50,000 रुपये का ऋण लिया और व्यापारिक प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। उन्होंने अपने घर पर ही मिनी राईस मिल स्थापित किया और किसानों और ग्रामीणों के धान की कटाई शुरू की, जिससे ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर धान मिलिंग की सुविधा मिली।
सोमारी अब हर महीने 8 से 10 हजार रुपये की आमदनी अर्जित कर रही हैं और अपने बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ पालन-पोषण पर भी ध्यान दे रही हैं।
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